What is E-SIM?
What is E-SIM-
क्या है ई-सिम के फायदे-
ई-सिम को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है । यह तकनीक सॉफ्टवेयर के जरिए काम करती है। पहले इस तकनीक का इस्तेमाल केवल स्मार्टवॉच में किया जा रहा था, लेकिन अब यह नए आइफोन के साथ दूसरे स्मार्टफोन में भी देखने को मिलेगा। अब गूगल ने अपने पिक्सल 3 स्मार्टफोन के लिए रिलायंस और एयरटेल टेलीकॉम कैरियर्स के साथ ई - सिम वायरलेस सेवा लाने की घोषणा की है। गूगल पिछले साल प्रोजेक्ट फाई के साथ ई - सिम सपोर्ट करने के लिए स्मार्टफोन लाने वाला पहला वेंडर था । प्रोजेक्ट फाई को अब गूगल फाई कहा जाता है । ई - सिम से यूजर्स को एक ऑपरेटर से दुसरे ऑपरेटर में स्विच करने में आसानी होगी ।
ज्यादा सिक्योरिटी:
ई - सिम स्मार्टफोन में इंबेड की जाती है । इसे फोन से अलग नहीं किया जा सकता है । इसका सीधा मतलब यह है कि आपका सिम कार्ड कभी खो नहीं सकता है ।
इसके साथ ही हर मोबाइल में अलग-अलग साइज की सिम लगाई
जाती है, लेकिन ई - सिम के साथ इस बात की चिंता की जरूरत नहीं है।
क्या है ई-सिम के फायदे-
ई-सिम को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है । यह तकनीक सॉफ्टवेयर के जरिए काम करती है। पहले इस तकनीक का इस्तेमाल केवल स्मार्टवॉच में किया जा रहा था, लेकिन अब यह नए आइफोन के साथ दूसरे स्मार्टफोन में भी देखने को मिलेगा। अब गूगल ने अपने पिक्सल 3 स्मार्टफोन के लिए रिलायंस और एयरटेल टेलीकॉम कैरियर्स के साथ ई - सिम वायरलेस सेवा लाने की घोषणा की है। गूगल पिछले साल प्रोजेक्ट फाई के साथ ई - सिम सपोर्ट करने के लिए स्मार्टफोन लाने वाला पहला वेंडर था । प्रोजेक्ट फाई को अब गूगल फाई कहा जाता है । ई - सिम से यूजर्स को एक ऑपरेटर से दुसरे ऑपरेटर में स्विच करने में आसानी होगी ।
ज्यादा सिक्योरिटी:
ई - सिम स्मार्टफोन में इंबेड की जाती है । इसे फोन से अलग नहीं किया जा सकता है । इसका सीधा मतलब यह है कि आपका सिम कार्ड कभी खो नहीं सकता है ।
इसके साथ ही हर मोबाइल में अलग-अलग साइज की सिम लगाई
जाती है, लेकिन ई - सिम के साथ इस बात की चिंता की जरूरत नहीं है।
ट्रैवलर्स के लिए है फायदेमंदः
इसका सबसे बड़ा फायदा ट्रैवलर्स को होगा। दूसरे देशों में घूमने जाते समय स्टैंडर्ड सिम कार्ड आपके नंबर को एक्सेस करने की अनुमति नहीं देते हैं । ऐसे में आप अपने फोन में रोमिंग ई -सिम इंबेड कर सकते हैं । इससे आपको रोमिंग चार्जेज भी नहीं देने होंगे । ई-सिम का इस्तेमाल दूसरे देश में भी किया जा सकता है।
बचाता है स्पेस:
स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां सिम का साइज़ छोटा कर रही हैं, जिससे स्पेस को बढ़ाया जा सके। वहीं, अगर सिम कार्ड स्लॉट को ही फोन से हटा दिया जाए, तो कंपनियां इस स्पेस को अन्य उपयोगी कंपोनेंट्स के लिए इस्तेमाल कर पाएंगी। वहीं, जब फोन में सिम कार्ड स्लॉट की जगह खाली होगी, तो फोन में नई तकनीक का स्कोप ज्यादा होगा ।
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